अथक प्रयास की जीत

अथक प्रयास की जीत

अथक प्रयास की जीत

यह कहानी एक टिटहरी की है, जिसके अंडे समुद्र बहा ले गया। अपने अंडे वापस पाने के लिए टिटहरी ने अथक प्रयास किए। उसकी लगन और दृढ़ संकल्प को देखकर महर्षि अगस्त्य ने उसकी सहायता की और समुद्र का पानी पीकर उसके अंडे वापस दिलाए। यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चे प्रयास और दृढ़ निश्चय से असंभव कार्य भी संभव हो सकते हैं।

अथक प्रयास की जीत :

एक टिटहरी थी। उसके अंडे एक बार समुद्र बहा कर ले गया।
टिटहरी को बहुत दुःख हुआ। उसने सोचा कि वह समुद्र से अपने अंडे जरूर वापस लाएगी।
ऐसा सोचकर टिटहरी अपनी चोंच में मिट्टी भरती और समुद्र में डाल देती।
उसके इस कार्य को महर्षि अगस्त्य देख रहे थे। उन्हें यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ।
महर्षि ने टिटहरी से इसका कारण पूछा।
टिटहरी ने कहा, “महाराज, मेरे अंडे समुद्र बहा कर ले गया है। अब मैं इस समुद्र को मिट्टी से भर दूंगी और अपने अंडे वापस लाऊंगी।”
महर्षि को इस छोटे से पक्षी के प्रयास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई और उन्होंने उसकी सहायता करने का निश्चय किया।
महर्षि अगस्त्य ने तीन अंजली में सारे समुद्र का पानी पी लिया।
टिटहरी को उसके अंडे वापस मिल गए।

सीख (Moral of The Story)
यह कहानी हमें सिखाती है कि दृढ़ संकल्प और अथक प्रयासों से असंभव कार्य भी संभव हो सकते हैं। जीवन में कठिनाइयों का सामना साहस और धैर्य से करना चाहिए। सच्चे प्रयास हमेशा मदद और सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

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