क्षमा महान गुण है

क्षमा महान गुण है

क्षमा महान गुण है

यह कहानी सर आइजक न्यूटन के अद्भुत धैर्य, समर्पण और दृढ़ता को दर्शाती है। कठिन परिस्थितियों में उनके सकारात्मक दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की यह एक प्रेरणादायक घटना है।

क्षमा महान गुण है :

भौतिक विज्ञान के विकास में जिन वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है उसमें आइजक न्यूटन का अप्रितम योगदान है। वे कहा करते – ‘कठिनाइयों से गुजरे बिना कोई अपने लक्ष्य को नहीं पा सकता। जिस उद्देश्य का मार्ग कठिनाइयों के बीच नहीं जाता, उसकी उच्चता में सन्देह करना चाहिए।’

वे प्रकाश के सिद्धांतों की खोज में बीस वर्षों से लगे थे। अनेक शोधपत्र तैयार किए गए थे। वे मेज पर पड़े थे, वहीं लैम्प जल रहा था, उनका कुत्ता डायमड उछला और मेज पर चढ़ गया। लैम्प पलट गया। मेज पर आग लग गई। देखते-देखते बीस वर्षों की कठिन तपस्या से तैयार शोधपत्र जलकर खाक हो गए। न्यूटन जब टहलकर आए, तो इस दृश्य को देखकर उन्हें अपार कष्ट हुआ। एक क्षण तो इतने उद्विग्न हुए कि डायमंड को मार कर खत्म करने की बात भी सोचने लगे, लेकिन न्यूटन ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने डायमंड को पास बुलाया, उसकी पीठ पर हाथ रखा, सिर थपथपाते हुए कहा, ‘ओ डायमंड! डायमंड! जो नुकसान तूने पहुँचाया है, तू नहीं जानता।’

उन्होंने धैयपूर्वक सारे शोधपत्र की सामग्री को अपनी स्मृति में खोजा और फिर उसी उत्साह से नया शोधपत्र तैयार करने में जुट गए।

सीख (Moral of The Story)
धैर्य और सहनशीलता: न्यूटन ने अपने शोधपत्रों के जल जाने के बावजूद धैर्य नहीं खोया और क्रोध पर काबू पाया।
दृढ़ निश्चय: उन्होंने अपने काम को फिर से स्मृति के सहारे तैयार किया और अपने कार्य में लगे रहे।
सहानुभूति: उन्होंने गलती से हुए नुकसान के लिए अपने कुत्ते को दोषी नहीं ठहराया, बल्कि सहानुभूति दिखाई।

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