पौष्टिक भोजन

यह कहानी एक गधे की है, जो अपनी आवाज़ और रंग से असंतुष्ट था। वह एक टिड्डे से प्रेरणा लेकर ओस की बूँदें पीने और घास खाने लगता है, ताकि उसकी आवाज़ मधुर और रंग हरा हो जाए। हालांकि, उसकी आवाज़ और रंग में कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन वह पौष्टिक आहार खाने लगता है, जो उसकी सेहत के लिए अच्छा साबित होता है। कहानी सिखाती है कि हमें अपने प्राकृतिक गुणों को स्वीकार करना चाहिए और सकारात्मक आदतों को अपनाना चाहिए।
पौष्टिक भोजन :
एक गधा अपनी आवाज़ से बिल्कुल संतुष्ट नहीं था। वह अक्सर सोचा करता, “काश मैं भी मधुर आवाज़ में बोल सकता या सुर में गा सकता।”
एक दिन वह एक मैदान में घास चरते हुए एक मीठी और सुरीली आवाज़ सुनता है। उसने देखा कि आवाज़ एक हरे रंग के टिड्डे से आ रही थी, जो घास के एक तिनके पर बैठा हुआ था। गधे को उसकी आवाज़ और हरे रंग ने बहुत आकर्षित किया।
गधा टिड्डे के पास जाकर पूछता है, “तुम्हारी आवाज़ इतनी मीठी कैसे है? तुम ऐसा क्या खाते हो?” टिड्डे ने उत्तर दिया, “मैं ओस की बूंदें पीता हूँ और ताज़ी हरी घास खाता हूँ।”
गधे ने सोचा कि यदि वह भी ओस और घास खाएगा, तो उसकी आवाज़ मधुर हो जाएगी और शायद उसका रंग भी हरा हो जाएगा। अगले दिन, सुबह-सुबह वह मैदान में पहुंचा और ओस से भीगी घास खाने लगा। घास का स्वाद उसे बेहद पसंद आया, और वह कई दिनों तक यही भोजन करता रहा।
लेकिन उसकी आवाज़ या रंग में कोई बदलाव नहीं हुआ। हालांकि, इसका एक फायदा जरूर हुआ—उसने एक ऐसा आहार अपनाया जो उसकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद था।
सीख (Moral of The Story)
कहानी यह सिखाती है कि भले ही हम अपने स्वाभाविक गुण न बदल सकें, लेकिन जीवन में छोटे सकारात्मक बदलाव हमेशा लाभकारी होते हैं। हरी सब्ज़ियाँ और घास जैसे पौष्टिक तत्व हमारी सेहत के लिए हमेशा अच्छे होते