मनुष्य और कुत्ते की अनोखी दोस्ती

मनुष्य और कुत्ते की अनोखी दोस्ती

मनुष्य और कुत्ते की अनोखी दोस्ती

यह कहानी एक छोटे-से कुत्ते के पिल्ले की है, जिसने अपने माता-पिता को खोने के बाद अलग-अलग जगहों पर आश्रय की तलाश की। अंत में, उसे एक मनुष्य के पास शांति और दोस्ती मिली। यह कहानी मनुष्य और कुत्ते की दोस्ती की शुरुआत को दर्शाती है, जो समझ और सहयोग पर आधारित है।

मनुष्य और कुत्ते की अनोखी दोस्ती :

कुत्ते का एक छोटा-सा पिल्ला अपने माता-पिता के साथ जंगल के पास रहता था।

एक दिन उसके माता-पिता खाना ढूंढने के लिए निकले। शाम होने लगी लेकिन वे वापिस नहीं आए।

पिल्ले को डर लगने लगा। बाद में पता चला कि किसी किसी गाड़ी से टकराकर दोनों की मृत्यु हो गई थी।

पिल्ले को बहुत रोना आया। उसे मम्मी -पापा की याद आ रही थी। रोता-रोता वह जंगल की ओर चल पड़ा।

तभी उसे एक हिरन मिला। हिरन को उस पर दया आ गई और वह पिल्ले को अपने साथ ले गया।

रात हुई तो उसने पिल्ले को सोने के लिए जगह दी। लेकिन पिल्ले को नींद नहीं आ रही थी। हर छोटी -सी आवाज पर वह बाहर निकलकर भौंकने लगता था।

हिरन को इस बात पर गुस्सा आया। उसने कहा, अगर तुम ऐसे ही बार-बार बाहर जाकर भौंकोगे तो शेर को पता हमारे बारे में पता चल जाएगा।

वह आकर हम दोनों को मार देगा। पिल्ला चुप तो हो गया लेकिन उसके मन में एक हु विचार आ रहा था, हिरन शेर से डरता है, इसलिए मुझे शेर के ही पास रहना चाहिए।

अगले दिन वह शेर के पास पहुँचा। उसने शेर को अपनी कहानी सुनाई। उसने शेर से प्रार्थना की कि वह उसे अपने साथ रहने दे।

शेर को पिल्ले पर दया आ गई। वह राजी हो गया।

रात को फिर वही हुआ। पिल्ला बार-बार भौंकने लगता था। शेर को गुस्सा आ गया।

वह जोर से दहाड़कर बोला, अगर तुम इस तरह भौंकोगे तो मनुष्य को हमारे बारे में पता चल जाएगा।

वह चुपके से आकर हम दोनों को पकड़ लेगा।

पिल्ले को आश्चर्य हुआ कि शेर भी किसी से डरता है। लेकिन उसने तय किया कि वह अगले ही दिन मनुष्य के पास जाएगा।

सुबह होते ही वह शहर की ओर चल पड़ा। उसे जो पहला मनुष्य मिला वह उससे बोला, मैं अकेला हूँ, क्या आप मुझे अपने साथ रहने देंगे ?

मनुष्य ने जब उसके माता-पिता के बारे में सुना तो उसे पिल्ले पर दया आ गई।

वह पिल्ले को अपने घर ले गया। रात हुई और पिल्ला अपनी आदत के अनुसार बाहर जाकर भौंकने लगा।

लेकिन मनुष्य नाराज नहीं हुआ।

बल्कि वह खुश हुआ। वह अब निश्चिंत था कि यदि कोई चोर उसके घर में आएगा तो कुत्ते से डरकर भाग जाएगा साथ ही कुछ गड़बड़ होगी तो कुत्ता भौंकेगा और उसकी नींद भी खुल जाएगी।

इस तरह मनुष्य और कुत्ता दोस्त बन गए। यह दोस्ती आज भी वैसी ही चल रही है।

सीख (Moral of The Story)
इस कहानी का संदेश यह है कि हर किसी की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं, और सही साथी या दोस्त हमें हमारे गुणों को पहचानने और उनका सही उपयोग करने में मदद करता है। समझ और सहयोग से सच्ची दोस्ती की नींव रखी जाती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top