लोमड़ी और कौआ

लोमड़ी और कौआ

लोमड़ी और कौआ

यह कहानी हमें चतुराई और सरलता का महत्व सिखाती है। कैसे कौआ अपनी कर्कश आवाज और लोमड़ी की मीठी बातों में फँसकर अपनी रोटी खो बैठा।

लोमड़ी और कौआ :

किसी जंगल में एक कौआ रहता था। हर कोई उससे दूर ही रहता था, क्योंकि वह अपनी कर्कश आवाज में गाता रहता था और सभी जानवर उससे परेशान रहते थे।

एक दिन वह भोजन की तलाश में जंगल से दूर गांव की ओर निकल कर आ गया। किस्मत से उसे वहां एक रोटी मिल गई। रोटी लेकर वो वापस जंगल की ओर आ गया और आकर अपने पेड़ पर बैठ गया। वहीं से एक लोमड़ी जा रही थी और उसे बहुत तेज भूख लगी हुई थी। उसने कौवे के पास रोटी देखी और रोटी को किसी भी तरह खाने का विचार करने लगी।
जैसे ही कौआ रोटी खाने को हुआ, नीचे से लोमड़ी की आवाज आई –

“अरे कौआ महाराज, मैंने सुना है कि यहां पर बहुत सुरीली आवाज में कोई गाना गाता है, क्या वो आप हैं।” लोमड़ी के मुंह से अपनी आवाज की तारीफ सुनकर कौआ मन ही मन बहुत खुश हुआ और अपना सिर हां में हिला दिया।
इस पर लोमड़ी बोली कि क्यों मजाक कर रहे हो महाराज। इतनी मधुर आवाज में आप गा रहे थे, मैं यह कैसे मान लूं? अगर आप गा कर बताएंगे, तो मुझे यकीन हो जाएगा।

कौआ लोमड़ी की बात सुनकर जैसे ही गाने को हुआ, उसके मुंह में दबी रोटी नीचे गिर गई। रोटी नीचे गिरते ही लोमड़ी ने रोटी पर झपट्टा मारा और रोटी खाकर वहां से चली गई। भूखा कौआ लोमड़ी को देखता रह गया और अपने किए पर बहुत पछताया।

सीख (Moral of The Story)
यह एक महत्वपूर्ण सीख देती है कि हमें चापलूसी और प्रलोभन से सावधान रहना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top