स्नो व्हाइट और रोज रेड की कहानी

स्नो व्हाइट और रोज रेड की कहानी

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यह कहानी एक विधवा माँ और उसकी दो बेटियों—स्नो व्हाइट (शांत और शर्मीली) और रोज रेड (नटखट और शरारती)—की है जो साथ में खुशी से रहती थीं। एक सर्दियों की शाम अचानक दरवाजे पर एक बोलते हुए भालू के आगमन से माहौल बदल जाता है। भालू को घर में अपनाकर, माँ और बेटियों ने दोस्ती का मधुर अनुभव किया। बाद में जंगल में कुछ अजीब घटनाएँ घटती हैं, जिनमें बेटियों की मदद से एक बेहोश राजकुमार एडम की सहायता होती है। अंततः, अनेक मोड़ों पर बहनों के साहस और परोपकार से राजकुमारों का परिवार एकजुट हो जाता है, जिससे मित्रता, साहस और सच्ची सहायता का संदेश मिलता है। ऐसी ही रोचक कहानियों को पढ़ने के लिए आप www.lyricsstore.in इस वेबसाइट पर जाकर बच्चों की बेहतरीन कहानियां पढ़ सकते हैं।

स्नो व्हाइट और रोज रेड की कहानी :

काफी साल पहले, एक छोटे से गांव में एक विधवा माँ अपनी दो बेटियों के साथ रहती थी। उसकी बड़ी बेटी का नाम स्नो व्हाइट था, जो बहुत शांत और शर्मीली थी, जबकि छोटी बेटी रोज रेड, नटखट और शरारती स्वभाव की धनी थी। तीनों में आपसी सहयोग और प्रेम का माहौल था। हर शाम उनकी माँ उन्हें परियों की मनमोहक कहानियाँ सुनाती, जिससे उनका दिन ख़ुशी और उमंग में गुजरता।

एक सर्दियों की शाम, जब दोनों बहनें कहानियों में मगन थीं, तभी दरवाजे पर दस्तक हुई। माँ ने हल्की सी आशा जताई कि कोई राहगीर भटककर आ गया है, और स्नो व्हाइट ने दरवाज़ा खोला। दरवाजे पर खड़ा था एक बड़ा भालू। पहले तो बहनों के मन में डर भर आया, लेकिन जैसे ही भालू ने इंसानों की तरह मधुर आवाज़ में कहा, “डरो मत, कृपया चिल्लाओ मत। मुझे सर्दी और भूख बहुत सताती है,” उनका भय धीरे-धीरे दरमतथा हुआ। माँ ने भालू को अपने घर आमंत्रित किया, उसे गर्म कंबल और पौष्टिक भोजन दिया। इस प्रकार, सर्दियों भर भालू उनके साथ रहा और रोज-रोज छोटे-छोटे तोहफे लेकर आता रहा। जब सर्दी चली गई, तो भालू ने विदाई ली, परंतु उस समय उसकी मित्रता के मीठे स्मृतियाँ हमेशा के लिए दिल में बस गईं।

कुछ दिनों बाद, स्नो व्हाइट और रोज रेड जंगल में फल तलाशते-तताते हुईं चल पड़ीं। अचानक उन्होंने किसी की चिल्लाहट सुनी। आवाज़ के पीछें जाकर दोनों ने देखा कि एक नन्हा आदमी, जिसकी लंबी दाढ़ी एक पेड़ में फंस गई थी, मदद के लिए चिल्ला रहा था। बहनों ने उसकी दाढ़ी निकालने की कई कोशिश की, परंतु तब तक सफलता नहीं मिली। अंत में, रोज रेड ने अपनी कैची निकाल कर दाढ़ी काट दी, भले ही आदमी ने मना किया। नाराज होकर वह बिना धन्यवाद कहे वहां से चला गया, लेकिन दोनों बहनें इस घटना में कुछ न कुछ मज़ाकिया पाया।

अगले दिन, नदी के किनारे घूमते समय, फिर से उस ही आदमी की पुकार सुनाई दी। जब वे वहाँ पहुंचीं, तो देखा कि इस बार उसकी दाढ़ी एक जिद्दी मछली में उलझी हुई थी। दोनों ने मिलकर उसकी मदद करने की कोशिश की, पर मछली ने दाढ़ी को छोड़ने का नाम ही नहीं लिया। अंततः, स्नो व्हाइट ने पुनः कैची का सहारा लेते हुए दाढ़ी काट दी, जिसके बाद वह आदमी चिढ़कर वहां से दूर हो चला।

इसी बीच, बहनों की नजर एक पत्थर के पास पड़े बेहोश व्यक्ति पर पड़ी। जैसे ही वह होश में आया, उसने बताया, “मेरा नाम राजकुमार एडम है। मैं अपने भाई राजकुमार जोसफ को खोज रहा हूँ। मेरा भाई जेवरों का बैग लेकर जंगल में चला गया था, परंतु सर्दियों से ही गायब है। रास्ते में एक धूर्त व्यक्ति ने मुझ पर जादू कर दिया और मैं बेहोश हो गया।” स्नो व्हाइट और रोज रेड ने राजकुमार की बात सुनी और उसकी सहायता करने का वादा कर दिया।

कुछ ही समय में, जंगल से अजीब-सी आवाज़ें आने लगीं। बहनों ने देखा कि वही नन्हा आदमी, जिसकी दाढ़ी बार-बार उलझ जाती थी, फिर एक बार भालू के साथ दिखाई दे रहा था। दोनों ने त्वरित साँस लेते हुए समझा कि यह भालू वही है जिसने पहले उन्हें घर में अपनत्व से मिलनसार बना कर रखा था, और वह व्यक्ति — जिसने बार-बार अपनी दाढ़ी खो दी — वही था जिसने राजकुमार एडम के भाई का जेवरों का बैग चुराया था।

राजकुमार एडम ने संयम बरतते हुए कहा, “अब मैं इस धोखेबाज को सजा दूंगा।” उसने अपनी तलवार संभाली और आगे बढ़ा। तभी वह बदमाश आदमी अचानक पेड़ की शाखा से छलांग लगाकर नीचे उतरा और तुरंत ही अपनी देह बदलकर बहुत लंबा हो गया। उसने राजकुमार की तलवार छीन ली और हमले में उतर पड़ा। तभी स्नो व्हाइट ने साहस दिखाते हुए एक तलवार उठाई और गतिमान वार से उसकी ओर फेंकी। इस बीच, भालू ने जोर से घोषणा की, “उसकी दाढ़ी को काटो! उसकी सारी जादुई शक्तियाँ उसी दाढ़ी में बसी हैं।” राजकुमार एडम ने भालू की बात मानते हुए निपुणता से वार किया। उसकी तलवार ने उस आदमी की दाढ़ी को चीर दिया, और जैसे ही उसकी दाढ़ी टूट गई, वह अपना असली आकार — छोटा और कमजोर — पुनः ग्रहण कर गया। राजकुमार ने उसे पकड़ने की ठानी, परंतू वह चालाक व्यक्ति भाग निकला।

बस यहीं पर चमत्कार हुआ। उसी क्षण, भालू एक दम से इंसान में परिवर्तित हो गया। अब सामने था राजकुमार जोसफ, एडम का खोया हुआ भाई। एडम, अपने भाई को देखकर भावुक हो उठा और उसे गले लगा लिया। राजकुमार जोसफ ने बताया कि कैसे उस धूर्त व्यक्ति ने जादू कर उन्हें कमजोर किया और बैग चुरा लिया था, और कैसे स्नो व्हाइट एवं रोज रेड ने उसकी मदद की। उस दुर्घटना के बाद, राजकुमार एडम और राजकुमार जोसफ दोनों ही बहनों की सहायता और करुणा से गहराई से भावुक हो गए। धीरे-धीरे, वे दोनों भाइयों ने स्नो व्हाइट और रोज रेड से प्रेम किया। बड़े हर्षोल्लास के साथ दोनों परिवारों की शादियाँ हुईं, और चारों ने हमेशा के लिए सुख-शांति से जीवन व्यतीत किया।

सीख (Moral of The Story)
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची मदद, साहस और मित्रता हर कष्ट को पार कर सकती है। संकट के समय में एक-दूसरे का साथ देना, और गलतफहमी से बाहर निकलकर सच्चाई का पता लगाना, सभी के जीवन में उजाला भर देता है। साथ ही, यह भी संदेश देती है कि अच्छाई की पहचान छोटी-छोटी अच्छाइयों में भी छिपी होती है, जो अंततः बड़े बदलाव लाती हैं।

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